भारत में कभी लगे थे हिंदी चीनी भाई भाई के नारे

पंचशील-समझौता

नंगल में बीबीएमबी के सतुलज सदन में 28 अप्रैल 1954 को भारत चीन के बीच पंचशील समझौते पर विस्तार से चर्चा कर उस पर सहमति बनी थी और इस समझौते पर भारत के प्रथम प्रधान मंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू

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व चीन के राष्ट्रपति चाऊ एन लाई ने हस्ताक्षर किए थे। सतलुज दरिया के खूबसूरत तट पर विशेष तौर पर बनाए गए जिस ग्लास हाऊश में बैठ कर, इन दोनों नेताओं ने पंचशील समझौते पर चर्चा कर सहमति बनाई थी, उस Glass House

glass house
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को आज भी बीबीएमबी मैनेजमेंट द्वारा सहेज कर रखा हुआ है। और इस Glass House  के बिलकुल आगे एक पत्थर की शिला आज भी वहीं की वहीं है।

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जिस पर पंचशील समझौते की रूपरेखा लिखी हुई है। यही नही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू के साथ जो यादगार फोटो चीन के राष्टपति के साथ खीची गई थी उन्हे भी बीबीएमबी ने बड़ी अच्छी तरह सहेज कर रखा हुआ है जो सतलुज सदन में आने वालों के आकर्षण का केंद्र बिंदू बनी रहती है।

nangal trity camera 1
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इस समझौते में एक दुसरे की सीमाओं का सम्मान करना,आपसी मतभेदों को बातचीत से सुलझाना,दोनो देश शान्ति बनाए रखने,एक दुसरे के देशों के अंदरूनी मामलों में दखल अंदाजी ना करना, म्यूच्यूअल बेनिफिट को बनाए रखना शामिल था।इसी समझौते के उपरांत हिंदी-चीनी भाई भाई के नारे भी लगने शुरू हुए थे।

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